
The Bikaner Times – एडीएम ने 19 अवैध पट्टे किए निरस्त, करोड़ों की जमीन वापस, देखें पूरी खबर…
मोमासर: क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मोमासर में वर्ष 2009 में हुए करोड़ों रुपये के प्लॉट घोटाले का खुलासा हुआ है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) दुलीचंद मीणा ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए गांव के मुख्य बाजार सहित अन्य खाली पड़ी भूमियों पर बनाए गए 19 अवैध पट्टों को निरस्त कर दिया है।
जांच में सामने आया कि तत्कालीन सरपंच ने अपने ही रिश्तेदारों के नाम पर व्यवसायिक भूमियों को आवासीय पट्टों के रूप में आवंटित कर दिया था। आरोप है कि बिना किसी आपत्ति नोटिस जारी किए, पुराने कब्जे दिखाने के लिए मात्र 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र लगाए गए थे। इसके अलावा, सभी 19 स्टाम्प एक ही व्यक्ति के नाम पर जारी हुए थे और पट्टों में साक्षी के रूप में दो निजी रिश्तेदारों के नाम थे।
पट्टों की बाजार कीमत 12-15 करोड़ रुपये से अधिक
ग्रामीणों के अनुसार, 2009 में तत्कालीन सरपंच ने अपने भाई-भतीजों को ये पट्टे जारी किए थे, जिनकी वर्तमान बाजार कीमत 12 से 15 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इस मामले में मोमासर निवासी दानाराम धन्नाराम जाट और भंवरलाल पूर्णाराम जाट द्वारा दावा पेश किया गया था, जिसके बाद एडीएम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया।
एडवोकेट करणसिंह तंवर ने बताया कि पट्टों की प्रक्रिया में नियमानुसार नियमों का पालन नहीं किया गया था। अब इस फैसले को पंचायती राज विभाग को सूचित कर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी।
इन लोगों के पट्टे हुए निरस्त
एडीएम दुलीचंद मीणा द्वारा जिन 19 व्यक्तियों के नाम पर बने पट्टे निरस्त किए गए हैं, उनमें गोपालराम खेताराम गोदारा, लूणाराम खेताराम गोदारा, बीरबलराम लूणाराम गोदारा, मन्नीराम बेगाराम गोदारा, हुणताराम मंगलाराम गोदारा, चनणाराम रेवंतराम गोदारा, सुगनाराम हरखाराम गोदारा, प्रभुराम लूणराम गोदारा, सांवरमल भीखाराम गोदारा, केसराराम हिम्मताराम गोदारा, बाबूलाल मोटाराम सारण, किसनलाल पन्नाराम सारण, राजूराम नारायणराम सऊ, जगदीश रामेश्वरलाल गोदारा, ओमप्रकाश दुलाराम शर्मा, ज्ञानीराम पन्नाराम सुथार, सांवरमल हीराराम खटीक, खुमाणाराम सुरजाराम सुथार आदि शामिल हैं।