
The Bikaner Times – महात्मा गांधी स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी, 11 हजार से ज्यादा पद अब भी खाली, देखें पूरी खबर…
जयपुर।
राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के प्रयास अधूरे साबित हो रहे हैं। नया शैक्षणिक सत्र आज से शुरू हो गया है, लेकिन इन स्कूलों में 11 हजार 576 शिक्षकों की पोस्टिंग के बावजूद इतने ही पद अब भी खाली हैं। स्कूलों में व्यवस्थाएं अधूरी हैं और अधिकांश स्कूलों में अब तक प्रिंसिपल तक नहीं लगाए गए हैं।
पोस्टिंग के बावजूद अधूरी व्यवस्था
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित परीक्षा में सफल हुए शिक्षकों को सोमवार को नियुक्ति दी गई। इनकी पोस्टिंग राज्यभर के 3737 महात्मा गांधी स्कूलों में की गई, लेकिन प्रदेशभर में अब भी 11 हजार 424 पद रिक्त हैं। कुल 23 हजार पदों में से मात्र आधे भरे जा सके हैं।
शुरुआती क्रेज अब ठंडा पड़ गया
कांग्रेस शासनकाल में शुरू किए गए इन स्कूलों में शुरुआत में जबरदस्त क्रेज देखने को मिला था। भारी-भरकम फीस से परेशान अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को निकालकर इनमें दाखिला दिलाया। उस समय एडमिशन लॉटरी सिस्टम से होते थे। अब स्थिति यह है कि इस बार सीटों से भी कम आवेदन आए हैं, जिससे अधिकतर स्कूलों में सभी को एडमिशन मिल रहा है। बची हुई सीटों पर ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर दाखिले दिए जाएंगे।
प्रिंसिपल की भारी कमी
30 जून को जारी आदेश के अनुसार, केवल 380 स्कूलों को ही प्रिंसिपल मिले हैं। अधिकांश स्कूलों में नेतृत्व की कमी है, जिससे प्रशासनिक और शैक्षणिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की स्थिति चिंताजनक है, जहां शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है।
सरकारी प्रयासों पर उठ रहे सवाल
सरकार ने शैक्षणिक सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले शिक्षकों की पोस्टिंग की, जिससे स्कूलों की तैयारी अधूरी रह गई। ऐसे में राज्यभर में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की हालत पर सवाल उठने लगे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे दावों के बीच जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।