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नीट यूजी: 98 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे परीक्षा, फिजिक्स केमिस्ट्री मुश्किल,14 जून को आएगा रिजल्ट, देखें पूरी जानकारी

The Bikaner Times – एनटीए की ओर से रविवार को बीकानेर में 13 केंद्रों पर 6030 अभ्यर्थियों के लिए नीट यूजी -2024 की परीक्षा हुई। परीक्षा में विद्यार्थियों की उपस्थिति का आंकड़ा 98.22% रहा। सिर्फ 1.78% परीक्षार्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। बीकानेर में इस परीक्षा के लिए 6030 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा देने 5923 पहुंचे। जबकि 107 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा एक पारी में दोपहर 2 से शाम 5.20 बजे तक हुई।
परीक्षा केंद्रों पर सुबह 11 बजे से ही परीक्षार्थियों का प्रवेश शुरू कर दिया गया जो 1.30 बजे तक चला। निर्धारित ड्रेस कोड में अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों में एंट्री मिली। अधिकांश अभ्यर्थियों को सेंटर पर छोड़ने के लिए परिजन साथ पहुंचे। जिन केंद्रों पर स्टूडेंट्स की संख्या अधिक रही वहां पर परीक्षा खत्म होने के समय काफी भीड़ रही। हालांकि पिछले साल के मुकाबले बीकानेर में अभ्यर्थियों की संख्या अधिक रही।
पिछले साल नीट परीक्षा के लिए बीकानेर से 5160 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से परीक्षा का परिणाम 14 जून को घोषित किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने बताया कि पेपर में फिजिक्स का पार्ट कठिन रहा। पेपर का स्टैंडर्ड पिछले दो साल के मुताबिक ही रहा।
मेडिकल कॉलेजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले साल के मुताबिक ही जनरल और ओबीसी की मेरिट लो रहने की संभावना है। अनुमान है कि 720 नम्बर के पेपर में सामान्य वर्ग को 610 नंबर के आसपास सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल सकेगा।

बायोलॉजी आसान, फिजिक्स व केमिस्ट्री के प्रश्न रहे टफ
नीट यूजी 2024 की परीक्षा में बायोलॉजी का पेपर पिछले साल के जैसा ही रहा। एक्सपर्ट जेठमल सुधार ने बताया कि बायोलॉजी में 3 से 4 प्रश्न निर्णायक साबित हो सकते हैं। सेक्शन बी में पूछे गए इन प्रश्नों का आईक्यू लेवल पिछले साल की तुलना में थोड़ा टफ रहा।
वही फिजिक्स और केमिस्ट्री का पोर्शन इस बार थोड़ा कठिन रहा। इन दोनों पोर्शन में कैलकुलेटिव सवाल ज्यादा पूछे गए। एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि केमिस्ट्री में आयोनिक इक्विलीब्रियम से कोई प्रश्न नहीं पूछा गया और इस वर्ष सिलेबस में जोड़े गए फिजीकल केमिस्ट्री से 5 प्रश्न आए थे। छात्रा भावना व्यास ने बताया कि फिजिक्स का पेपर पिछले वर्ष की तुलना में ओवरऑल कठिन रहा।