
The Bikaner Times – 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा
नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े दिल्ली के सरस्वती विहार हिंसा मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। विशेष जज कावेरी बावेजा ने मंगलवार, 25 फरवरी को यह फैसला सुनाया। इस मामले में दिल्ली पुलिस और पीड़ितों ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मानते हुए सज्जन कुमार के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।
बाप-बेटे को जिंदा जलाने का आरोप
यह मामला 1984 सिख दंगों के दौरान एक सिख बाप-बेटे को जिंदा जलाने से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध मानते हुए दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई।
पहले से काट रहे हैं उम्रकैद की सजा
सज्जन कुमार पहले से ही 1984 सिख दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में दोषी ठहराया था।
1984 सिख दंगे: एक काला अध्याय
31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इस हिंसा में पूरे देशभर में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें से अकेले दिल्ली में ही करीब 2,800 लोग मारे गए थे।
पीड़ितों को मिला न्याय
सिख दंगों के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए यह फैसला न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पीड़ित परिवारों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि सिख विरोधी दंगों के अन्य दोषियों को भी सख्त सजा मिलेगी।