मिनिमम इनकम गारंटी बिल पास करने वाला राजस्थान बना पहला राज्य, देखें पूरी खबर

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The Bikaner Times -विधानसभा में बहस के बाद राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक को भी पारित कर दिया गया। इसके तहत राजस्थान में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के 100 दिन के अलावा 25 दिन का रोजगार गारंटी से मिलेगा। सामाजिक सुरक्षा पेंशन हर साल 15 फीसदी बढ़ाना अनिवार्य होगा। बुजुर्ग, विधवा, विकलांग सहित सभी कैटेगरी की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को हर साल 15 फीसदी बढ़ाया जाएगा। इस बिल के जरिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले हर 18 साल से ऊपर के व्यक्ति को 100 दिन पूरे होने पर कम से कम 25 दिन एक्स्ट्रा रोजगार देने की गारंटी दे रही है। अगर 25 दिन का रोजगार नहीं मिलता है तो 15 दिन (पखवाड़े) के बाद न्यूनतम मजदूरी घर बैठे देनी होगी। गांव और शहरों में भी 25 दिन का रोजगार गारंटी से मिलेगा। ऐसा नहीं करने पर बेरोजगारी भत्ता देना पड़ेगा। यह भी प्रावधान है कि रोजगार देने की जगह उसके घर से 5 किलोमीटर के दायरे में ही हो।

हर साल गारंटी से बढ़ेगी पेंशन

प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे करीब एक करोड़ लोगों की पेंशन में अब हर साल 15 फीसदी बढ़ोतरी करना कानूनी रूप से जरूरी होगा। इस बिल में महात्मा गांधी मिनिमम गारंटी योजना एक्ट लागू करने का प्रावधान होगा। मिनिमम इनकम गारंटी योजना में बुजुर्ग, विधवा, एकल महिला को कम से कम 1000 रुपए हर महीने पेंशन देने का प्रावधान शामिल होगा। गांव और शहरों में मनरेगा के तहत 125 दिन रोजगार देने का प्रावधान होगा। सरकार ने इस योजना के लिए 2500 करोड़ रुपए एक्स्ट्रा बजट का प्रावधान किया है। कथौड़ी, सहरिया और विशेष योग्यजन को 100 दिन की जगह 200 दिन का रोजगार मिलेगा।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की गारंटी, हर साल 15 फीसदी बढ़ोतरी

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की गारंटी के दायरे में वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा, एकल महिला आते हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन गारंटी 2024-25 से हर साल के आधार पर 15 फीसदी की दर से बढ़ाई जाएगी। पेंशन साल में दो किस्तों में बढ़ेगी। हर साल 5 फीसदी पेंशन जुलाई में और 10 फीसदी पेंशन जनवरी में बढ़ेगी।

अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की गारंटी के अधिकार के लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकाय के ईओ को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। पेंशन की गारंटी के कानून को अमल में लाने के लिए अलग से नियम भी बनेंगे। पेंशनर्स की पात्रता के मानदंड तय होंगे। इसकी मंजूरी की प्रक्रिया, पेंशन देने और पेंशन को रोकने के प्रावधान भी किए जाएंगे।

राज्य सलाहकार बोर्ड बनेगा

न्यूनतम गारंटी योजना के नियम बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर सलाहकार बोर्ड बनाया जाएगा। इसमें ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, आयोजना विभाग, वित्त विभाग के सचिव या प्रमुख सचिव स्तर के अवसर मेंबर होंगे।