
The Bikaner Times – मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र का बड़ा फैसला
इंफाल: मणिपुर में 21 महीनों से जारी जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। यह फैसला मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद आया है। राज्य में हालात बिगड़ने और विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण यह निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा
मणिपुर में 3 मई 2023 से मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। विपक्षी दल लगातार मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। बढ़ते दबाव के चलते 9 फरवरी को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद, राज्य में कोई नया मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं हो सका और विधानसभा सत्र भी स्थगित कर दिया गया।
केंद्र सरकार ने लिया सख्त फैसला
मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला किया। इसके तहत, अब मणिपुर की पूरी प्रशासनिक शक्तियाँ केंद्र सरकार के अधीन होंगी और राज्यपाल राष्ट्रपति के निर्देशों के अनुसार शासन चलाएंगे।
राष्ट्रपति शासन: अब आगे क्या?
संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया गया राष्ट्रपति शासन अधिकतम 6 महीने तक लागू रह सकता है, लेकिन संसद की मंजूरी से इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान, राज्य के सभी प्रशासनिक निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिए जाएंगे और विधानसभा सत्र नहीं होगा।
मणिपुर में 10वीं बार राष्ट्रपति शासन
1950 से अब तक मणिपुर में 10वीं बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के साथ सबसे ज्यादा है। राज्य में इससे पहले भी कई बार राजनीतिक अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि अगर समय रहते केंद्र सरकार ने हिंसा रोकने के लिए सख्त कदम उठाए होते, तो यह स्थिति नहीं बनती। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने “देरी से निर्णय लिया” और राज्य के लोगों को अराजकता के हवाले छोड़ दिया।
क्या अब शांति बहाल होगी?
अब जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है, तो सवाल उठता है कि क्या मणिपुर में हिंसा और अस्थिरता खत्म होगी? क्या केंद्र सरकार अब राज्य में शांति बहाल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में साफ होंगे।