सबसे तेज़, सबसे भरोसेमंद

श्रीडूंगरगढ़ के पदयात्रियों ने अयोध्या पहुंच कर किए रामलला के दर्शन, 22 दिनों में तय किया 1100 किलोमीटर का सफर

The Bikaner Times – श्रीडूंगरगढ़ के पदयात्रियों ने अयोध्या पहुंच कर किए रामलला के दर्शन, 22 दिनों में तय किया 1100 किलोमीटर का सफर

श्रीडूंगरगढ़ के पांच युवाओं ने अपनी आस्था और संकल्प का अद्भुत परिचय देते हुए अयोध्या तक 1100 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर रामलला के दर्शन किए। 15 दिसंबर को शुरू हुई यह यात्रा 6 जनवरी को समाप्त हुई। पदयात्रियों ने इस कठिन यात्रा के माध्यम से भक्ति और समर्पण की मिसाल पेश की।

पदयात्रा का शुभारंभ
पदयात्रा का आरंभ 15 दिसंबर को रामलला के जयकारों के साथ श्रीडूंगरगढ़ से हुआ। इस यात्रा में श्याम तिवाड़ी (जो तीर्थयात्रा एक्सप्रेस के नाम से प्रसिद्ध हैं), लालचंद प्रजापत, नोरंगलाल प्रजापत, प्रदीप माली, और महेश सिखवाल शामिल थे। कस्बे के गणमान्य लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया।

ठंड भी नहीं डिगा पाई हौसला
श्याम तिवाड़ी ने बताया कि दिसंबर की कंपकंपाती ठंड और रास्ते की कठिनाइयों के बावजूद सभी पदयात्रियों ने दृढ़ निश्चय के साथ अपनी यात्रा पूरी की। पदयात्रा के दौरान, कस्बे के धर्मप्रेमी समय-समय पर उनसे मिलने और उनका हौसला बढ़ाने आते रहे।

सेवा का भाव
पदयात्री प्रदीप माली ने बताया कि यात्रा के दौरान मुन्नीराम ज्याणी और भागीरथ गोदारा ने समर्पण भाव से सेवा की। उन्होंने हर जरूरत का ध्यान रखा, जिससे पदयात्रियों को यात्रा पूरी करने में आसानी हुई।

यात्रा का समापन और हर्ष
6 जनवरी की सुबह रामलला के दर्शन के साथ यात्रा का समापन हुआ। पदयात्रियों की इस उपलब्धि पर श्रीडूंगरगढ़ के युवाओं और धर्मप्रेमियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

यह पदयात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सच्चे संकल्प और समर्पण के साथ हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।