घायल गौवंश को किया ब्रेक वायर की पीड़ा से मुक्त, देखें पूरी खबर

The Bikaner Timesघायल गौवंश को किया पीड़ा मुक्त, ब्रेक वायर ने कर दिया था जीना मुश्किल l
राजकीय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय दुलचासर में एक घायल निराश्रित बैल लाया गया । एक दिन पूर्व इस घायल गौवंश को ग्रामीणों ने देखा तो इसके पिछले दांए पाँव में खून भरा घाव था जिसमें लगातार खून बहा जा रहा था । इसके बाद ग्रामीणों ने इसे काबू कर नजदीकी श्री गोपाल गौशाला विकास प्रबंधक समिति दुलचासर में डाल दिया व प्राथमिक चिकित्सा कर नजदीकी पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. सुभाष घारू को सूचना की l
डॉ. घारू ने पशु को रात भर भूखा रखने के लिए कहा अगली सुबह गौशाला का स्टाफ व प्रबंधक श्री सुन्दरलाल मूंधड़ा इस निराश्रित बैल को लेकर राजकीय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय दुलचासर पहुॅंचे तथा प्रभारी डॉ. घारू को बताया कि- ‘इस गौवंश की प्राथमिक चिकित्सा करते समय हमने देखा की पिछले दाहिने पैर में चमड़ी में एक तार का टुकड़ा फंसा है l’
परीक्षण करने पर डॉ. घारू ने देखा कि पिछले दाहिने पैर मैं फेटलॉक जॉइंट के ठीक ऊपर एक ब्रेक वायर बुरी तरह अंदर तक फंसा हुआ है l डॉ. घारू ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, तथा पशु को जायलाज़ीन सीडेशन दिया l जिससे ऑपरेशन के दौरान पशु ज्यादा दर्द से परेशान न हो और नियंत्रण में भी रहें l

इसके पश्चात् ट्रेविस में लेकर गौवंश के पैर में फंसे हुए ब्रेक वायर को धीरे धीरे निकाला गया l साथ ही सावधानीपूर्वक परीक्षण कर देखा गया कि कोई और तार का टुकड़ा तो पैर में नहीं रह गया l इसके बाद गौवंश को एंटीबायोटिक, दर्दनिवारक की दवा भी दी गयी ताकि गौवंश को आराम मिल सके। ग्रामीणवासियों व गौशाला स्टाफ के द्वारा ऑपरेशन के बाद जब पूछा गया कि कोई तार का टुकड़ा रह तो नहीं गया। इस पर प्रभारी ने कहा कि -‘जहाॅं तक अच्छी तरह परीक्षण कर लिया गया है फिर भी इसकी अंतिम पुष्टि x-ray मशीन द्वारा होगी जो कि यहाॅं पर उपलब्ध नहीं है यदि घाव नहीं भरता है और इसमें मवाद आता है तो इसे बीकानेर रेफर किया जायेगा। जहाॅं x-ray मशीन की सहायता से फॉरेन बॉडी का इन्वेस्टीगेशन किया जायेगा l’


फिलहाल गौवंश को काफ़ी आराम मिल चुका है तथा 5 दिन तक पोस्ट ओपेरेटिव केयर के तहत इसमें एंटीबायोटिक व दर्द निवारक इंजेक्शन दिये जायेंगे और घाव की सफाई की जाएगी l इस ऑपेरेशन में मनोज कुमार, रेंवत सिंह, महेंद्र, इत्यादि उपस्थित थे l चिकित्सा विभाग की और से सुश्री ममता कुमारी, मनोज कुमार चौहान ने सहयोग किया l