The Bikaner Times – दहेज उत्पीड़न और भरण-पोषण याचिका खारिज: बीकानेर न्यायालय का फैसला
बीकानेर। पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी सत्यपाल वर्मा (आरएचजेएस) ने एक दहेज उत्पीड़न और भरण-पोषण याचिका के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
मामले का विवरण
प्रार्थीया कविता का विवाह वर्ष 2020 में आशीष गहलोत से हुआ था। शादी के बाद प्रार्थीया ने अपने ससुराल पक्ष पर तंग करने और दो लाख रुपये नगद व दहेज में कार की मांग का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। साथ ही, उसने अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण की याचिका भी न्यायालय में दायर की।
याचिका पर सुनवाई के दौरान, आशीष गहलोत ने अपने न्याय मित्र गोपाल लाल हर्ष और निमिषा शर्मा के माध्यम से अपना पक्ष रखा।
न्यायालय का फैसला
दोनों पक्षों को सुनने और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने पाया कि प्रार्थीया जानबूझकर अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। न्यायालय ने यह भी माना कि वह डबल एम.ए और बी.एड जैसी उच्च डिग्रियों से शिक्षित है और विभिन्न निजी संस्थानों में अध्यापन का कार्य करती रही है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रार्थीया शिक्षण-प्रशिक्षण के माध्यम से अपना भरण-पोषण करने में पूरी तरह सक्षम है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने प्रार्थीया के भरण-पोषण आवेदन को अस्वीकार कर खारिज कर दिया।
इस फैसले को पारिवारिक विवादों के मामलों में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।