दहेज की मांग करना पड़ा महंगा, एमबीबीएस दूल्हे को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा घर

The Bikaner Times – दहेज की मांग करना पड़ा महंगा, एमबीबीएस दूल्हे को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा घर

अलवर, राजस्थान: दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ राजस्थान के अलवर जिले में एक ऐतिहासिक फैसला देखने को मिला। यहां एक एमबीबीएस दूल्हे को दहेज में ब्रेजा कार मिलने के बावजूद फॉर्च्यूनर की मांग करना भारी पड़ गया।

जानकारी के अनुसार, शादी की रस्में शुरू हो चुकी थीं, लेकिन जब दूल्हे ने फॉर्च्यूनर कार की मांग की और इसे पाने पर ही शादी करने की जिद पर अड़ गया, तब दुल्हन के परिवार ने समाज के सामने अपनी मजबूरी रखी। लाख मिन्नतों के बावजूद जब दूल्हा और उसका परिवार अपनी मांग पर कायम रहा, तो गांव के लोगों ने पंचायत बुलाकर एक बड़ा फैसला लिया।

पंचायत का ऐतिहासिक फैसला

गांव की पंचायत ने यह तय किया कि न तो दूल्हे को दुल्हन मिलेगी और न ही कोई दहेज। इसके अलावा, पंचायत ने दूल्हे के परिवार पर भारी आर्थिक दंड भी लगाया:

दुल्हन के परिवार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी।

पांच लाख रुपये गायों के लिए दान करना होगा।

शादी में हुए 73 लाख रुपये के खर्च की भरपाई करनी होगी।

यदि नकद राशि नहीं दी जा सकती, तो जमीन गिरवी रखनी होगी।

सोशल मीडिया पर तारीफ, दहेज लोभियों के लिए सबक

इस फैसले के बाद दूल्हे और उसके परिवार को बेइज्जती के साथ खाली हाथ लौटना पड़ा। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग पंचायत के इस फैसले की जमकर सराहना कर रहे हैं।

इस ऐतिहासिक फैसले से यह संदेश जाता है कि दहेज जैसी कुप्रथाओं को अब समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। यह उन लोगों के लिए भी एक बड़ा सबक है, जो धन के लालच में रिश्तों की पवित्रता को दांव पर लगाते हैं।