कांग्रेस राजस्थान में अपने चुनावी अभियान की आज से शुरुआत करने जा रही है। चुनाव अभियान की शुरुआत बारां में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के मुद्दे पर सभा और यात्रा के साथ होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सभा से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। सभा में सचिन पायलट नहीं रहेंगे।
अभियान के तहत सप्ताह भर में 13 जिलों में सभाएं होंगी। इन सभाओं में सीएम अशोक गहलोत 13 जिलों में ईआरसीपी का असर
ईआरसीपी से 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। 40 हजार करोड़ से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट में बांध बनने के अलावा नहरें और पेयजल प्रोजेक्ट बनेंगे। ईआरसीपी वाले जिलों में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ शामिल हैं। कांग्रेस ने ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा बना लिया है। इसी रणनीति के तहत अब यात्रा निकालने जा रही है।
ईआरसीपी को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया

ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार अभियान चला रही है। कांग्रेस ने 2018 में जयपुर और अजमेर की सभाओं में पीएम नरेंद्र मोदी के उन बयानों को आधार बनाया है, जिसमें उन्होंने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। केंद्र सरकार ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर कुछ नहीं किया। बीजेपी को बैकफुट पर लाने का प्रयास
सीएम अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के खर्चे पर ईआरसीपी को पूरा करवाने की घोषणा की है। बजट में पहले नौ हजार करोड़ की घोषणा के बाद पांच हजार करोड़ की और घोषणा की है। गहलोत अपने हर भाषण में ईआरसीपी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हैं। अब ईआरसीपी पर यात्रा निकालकर कांग्रेस विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बैक फुट पर लाने के प्रयास में हैं।
पूर्वी राजस्थान में लंबे समय से कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में लगी हुई है। ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस को कितना फायदा होता है यह तो वोटिंग पैटर्न से पता लगेगा, लेकिन विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अब कांग्रेस केंद्र सरकार और बीजेपी पर तल्ख हमले की रणनीति पर काम कर रही है।