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बडी खबर: प्रदेश के सभी कोचिंग लाइब्रेरी निगम को जांच करने के दिये आदेश, नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई…

बडी खबर: प्रदेश के सभी कोचिंग लाइब्रेरी निगम को जांच करने के दिये आदेश, नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई…

The Bikaner Times – दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे बरसात के पानी में डूबने से तीन स्टूडेंट्स की मौत के बाद प्रदेश के निकाय भी एक्शन में आ गए है। इसे लेकर डीएलबी (डिपार्टमेंट ऑफ लोकल बॉडिज) ने बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इस बीच निगमों की टीम सर्वे भी करेगी। 15 दिन बाद भी यदि हालात नहीं सुधरते है तो ऐसी संस्थानों के खिलाफ सीज की कार्रवाई की जाएगी।लेकिन, इससे पहले के हालात देखे जाए तो जयपुर और कोटा जहां बड़े स्तर पर कोचिंग का संचालन किया जाता है, वहां दिल्ली के हादसे के बाद अधिकारी नींद से जागे हैं।जयपुर में 4 महीने पहले गुजरात में के गेमिंग जोन में हुए हादसे के बाद सर्वे किया गया था। जहां 6 गेम जोन और 2 कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ 12 कॉमर्शियल सीज किए गए थे। जबकि कोटा जैसे शहर में सर्वे तक नहीं हुआ। तर्क ये दिया गया- बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था होती है, इसके लिए पहले से निर्देश है। अब हम सर्वे शुरू कर रहे हैं।

वहीं सीएम ने भी कहा है- नियम के विरूद्ध चलने वाले ऐसे संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दो दिनों में जयपुर और कोटा में निगम की टीमों की ओर से बेसमेंट में चल रहे कोचिंग और लाइब्रेरी पर एक्शन लेते हुए उन्हें सीज किए गए।डीएलबी ने जारी किए आदेश, सीएम बोले-प्रदेश की निकायों को सख्य कार्रवाई के निर्देश दिल्ली में तीन बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने भी एक्शन की तैयारी कर ली है। स्वायत्त शासन विभाग (ष्ठरुक्च) ने प्रदेशभर के नगर निगम नगर, विकास प्राधिकरण और नगर पालिकाओं को अपने क्षेत्र में बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर और व्यावसायिक गतिविधियों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उनमें किसी तरह की कमी पाए जाने पर सीज की कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं। सीएम भजनलाल शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा- इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से हमारी सरकार की ओर से नगरीय क्षेत्रों में जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकारणों, न्यासों, नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर दिल्ली में हुई घटना पर खेद जताते हुए राजस्थान में नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर दिल्ली में हुई घटना पर खेद जताते हुए राजस्थान में नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।इन नियमों का करना होगा पालन, 15 दिन का समय दिया मल्टी स्टोरी और हाईराइज बिल्डिंग में ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने और बाहर जाने के लिए मुख्य और वैकल्पिक रास्ते (सीढिय़ों) के अलावा बेसमेंट के लिए भी वैकल्पिक रास्ता होना जरूरी है।कॉमर्शियल इस्तेमाल होने पर बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर निकास के लिए 15 मीटर से अधिक न चलना पड़े। अगर वहां फायर इक्विपमेंट लगे हुए है तो निकास के रास्ते को 22.5 मीटर तक लंबा रखा जा सकता है।

बेसमेंट में किसी भी तरह के ज्वलनशील और हानिकारकपदार्थ का भंडारण नहीं किया जा सकेगा। जिससे वहां रहने वाले लोगों की जान किसी भी स्थिति में जोखिम में आए। अग्निशमन सुरक्षा हेतु एनबीसी के प्रावधान नियमों का पालन करते हुए स्थानीय निकाय के अग्निशमन अधिकारी द्वारा कॉमर्शियल कॉम्पलेक्सों, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, शैक्षणिक और हॉस्पिटल उपयोगों के भवन (बिल्डिंग) कोचिंग सेंटर, हॉस्टल (छात्रावास), होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम (सभागर) का नियमित निरीक्षण कर अग्निशनम संबंधित प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित की जाए।मंगलवार को जयपुर ग्रेट मेयर सौम्या गुर्जर कोचिंग सेंटर पहुंचीं तो बच्चों को सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। मंगलवार को जयपुर ग्रेट मेयर सौम्या गुर्जर कोचिंग सेंटर पहुंचीं तो बच्चों को सुरक्षा के बारे में जानकारी दी।प्रदेशभर में जहां भी निरीक्षण के दौरान अग्निशमन सुरक्षा में कमी या फिर लापरवाही पाई जाती है तो अग्निशमन अधिकारी द्वारा 15 दिन में बदहाल व्यवस्था को सुधारने का नोटिस जाएगा। अगर इसके बाद भी अग्निशमन सुरक्षा में कमी पाइ गई। तो संबंधित बिल्डिंग (भवन) के खिलाफ Join सीज की बार्हाई की जाएगी।

प्रदेशभर में जहां पर भी बेसमेंट में कॉमर्शियल गतिविधियां कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। वहां हवा और पानी के निकास की पुख्ता व्यवस्था होना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।रेजिडेंशियल एरिया में ज्वलनशील पदार्थ का स्टोरेज और कॉमर्शियल एक्टिविटी का संचालन पूरी तरह बंद करवाया जाए।जयपुर और कोटा के अधिकारियों का ये तर्क कोटा के चीफ फायर ब्रिगेड ऑफिसर राकेश व्यास ने बताया कि सर्वे नहीं हुआ। बेसमेंट का उपयोग ज्यादातर पार्किंग के लिए होता है। भवन मालिकों को पहले से यह निर्देश है कि बेसमेंट में किसी भी तरह की कोई व्यावसायिक गतिविधि ना हो। दिल्ली हादसे के बाद अब सर्वे शुरू किया गया है और चेकिंग की जा रही है।

वहीं नगर निगम ग्रेटर के चीफ फायर ऑफिसर गौतम लाल ने बताया कि मुझे नगर निगम में काम करते हुए फिलहाल 4 महीने का वक्त हुआ है। इस कार्यकाल में मैंने 6 गेम जोन और दो कोचिंग सेंटर को सीज किया है। इसके साथ ही एक दर्जन से ज्यादा भवन मालिकों को नोटिस जारी कर फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त करने के लिए कहा गया था। जिन्होंने अपने सिस्टम को समय रहते ही दुरुस्त कर लिया था।दिल्ली हादसे के बाद उनका दावा है- शहर में फायर एनओसी को लेकर अभियान चलाया जाएगा। ऐसे में जहां कहीं भी नियमों के तहत उपकरण उपलब्ध नहीं होंगे, उन भवन मालिकों के खिलाफ सीज की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ हो कोचिंग इंस्टिट्यूट को लेकर नगर निगम ग्रेटर ने स्पेशल कमेटी का गठन किया है। जो जयपुर में संचालित कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण कर उनके लिए नीति बनाएगी। इस नीति के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।